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IVF Kya Hai | आईवीएफ क्या है ?
IVF Kya Hai: दोस्तों आज हम आपको बताएँगे आईवीएफ क्या है और आईवीएफ के पूरे प्रोसेस के बारे में विस्तार से हिंदी में जानकारी देंगे। जिससे आपकी आईवीएफ प्रोसेस के बारे में सभी शंकाएँ दूर हो जाए और आप निश्चिंत होकर मेडिकल साइंस की बेहतरीन टेक्नोलॉजी का फायदा उठा सकें।
आईवीएफ की फुल फॉर्म इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) होती है। जिसको ज्यादातर हम टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से भी जानते हैं। आईवीएफ ट्रीटमेंट की मदद से कोई भी निसंतान दंपति संतान सुख को प्राप्त कर सकता है। सैकड़ों लोग इस IVF Treatment की मदद से माँ बाप बनने का सुख उठा रहे हैं।
संतान सुख भी एक दंपति के जीवन में अहम् स्थान रखता है। जिसकी चाह शादी के बाद हर जोड़े को होती है। लेकिन कुछ मेडिकल समस्याओं के कारण वह इस सुख से वंचित रहते है। ऐसे जोड़ों के लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट की तकनीक किसी वरदान से कम नहीं है।
आईवीएफ ट्रीटमेंट में महिला के अंडे और पुरुष के स्पर्म को लैब में मिलाकर निषेचित किया जाता है। इसके बाद जब डॉक्टर की निगरानी में भ्रूण का विकास होता है तो इसको महिला के गर्भाशय में विकास के लिए डाल दिया जाता है।
सामान्य रूप से 3 से 5 दिन के अंदर भ्रूण को गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है। इसके बाद बाकि सभी प्रक्रिया नेचुरल तरीके से होती है। गर्भाशय में भ्रूण के डालने के बाद कुछ समय महिला को डॉक्टर की निगरानी में रखा जाता है फिर छुट्टी दे दी जाती है।
लोगों को निःसंतानता या बच्चे न होने की समस्या होने के बहुत कारण होते है। इसमें पुरुष या महिला का बाँझपन जिसमे महिला की फेलोपियन ट्यूब का बंद होना, गर्भाशय में परेशानी और पुरुषों के स्पर्म की ख़राब क्वालिटी होना शामिल है।
आजकल ग़लत खानपान के अलावा स्ट्रेस से भरी lifestyle भी इस समस्या को बढ़ाने में अपना योगदान देती है। समय के साथ अब निसंतान दम्पतियों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। उम्र भी निःसंतानता को बढाती है।
आज के समय में देरी से शादी का ट्रेंड और जॉब के चलते देरी से बच्चे पैदा करने का decision भी इस समस्या के लिए ज़िम्मेदार है। ऐसे में यदि प्राथमिक उपचार से फ़ायदा नहीं हो रहा तो IVF ही अंतिम उपाय रह जाता है।
IVF Process in Hindi | आईवीएफ प्रक्रिया क्या है ?
IVF की process आसान होती है। इसमें बच्चे की चाह रखने वाले दम्पति को IVF क्लिनिक में जाना होता है। यदि पुरुष और महिला ने पहले से ही कुछ test करा रखे है तो उसको भी अपने साथ ले जाना सही रहता है। IVF ट्रीटमेंट के लिए सबसे पहले डॉक्टर महिला और पुरुष से कुछ सवाल पूछते है।
जिसमें उनकी मेडिकल हिस्ट्री के अलावा कब से दम्पति बच्चे के लिए कोशिश कर रहे है जैसे सवाल भी शामिल होते है। इसके बाद यदि महिला और पुरुष ने पहले कोई टेस्ट नहीं कराये है तो डॉक्टर द्वारा समस्या का वास्तविक कारण जानने के लिए कुछ टेस्ट किये जाते है।
टेस्ट करने के बाद यदि डॉक्टर को यह लगता है की बंद फेलोपियन ट्यूब, शुक्राणु की कम गतिशीलता, बार बार miscarriage होना या ओवरी में अंडो की समस्या के कारण प्राकृतिक तरीके से संतान प्राप्ति मुश्किल है तो डॉक्टर के द्वारा आईवीएफ प्रक्रिया द्वारा बच्चा प्राप्ति की सलाह दी जाती है।
आईवीएफ प्रक्रिया में सबसे पहले ओवरी को stimulate करने का काम किया जाता है। जिसमे डॉक्टर द्वारा महिला को कुछ दवाइयाँ दी जाती है। उन दवाईयों से महिला की overy में egg बनने की दर बढ़ जाती है।
जिसको बाद में डॉक्टर के द्वारा इंजेक्शन की सहायता से निकाल लिया जाता है। इन egg में से स्वस्थ एग को अलग़ किया जाता है और लैब में डॉक्टर की निगरानी में रखा जाता है। इसके बाद पुरुष से कुछ स्पर्म लिया जाता है। स्पर्म में जो स्वस्थ शुक्राणु होते है उनको स्वस्थ egg में निषेचित किया जाता है।
जिससे भ्रूण का विकास होता है। 3 से 5 दिन की निगरानी के बाद भ्रूण को डॉक्टर के द्वारा महिला के गर्भाशय में डाला जाता है। इस प्रक्रिया के बाद भी महिला को कुछ दिन डॉक्टर निगरानी में रखते है और प्रेग्नेंसी टेस्ट करते है। पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद लगभग 15 दिन में महिला को छुट्टी दे दी जाती है।
यदि जो महिला माँ बनना चाहती है उसके गर्भाशय में समस्या हो जिसके कारण गर्भ धारण में दिक्कत आ रही है तो डॉक्टर द्वारा सरोगसी की सलाह दी जाती है। जिसमें दूसरी स्वस्थ महिला के गर्भ में भ्रूण को डाला जाता है।
लेकिन उस महिला से बच्चे का आनुवांशिक रूप से कोई भी सम्बन्ध नहीं होता। वह केवल बच्चे को जन्म देने का काम करती है। जन्म के बाद बच्चे को उसके असली माँ बाप को सौंप दिया जाता है।
सरोगसी के बदले में महिला को बच्चे के पेरेंट्स के द्वारा पैसे दिए जाते है। इस तरह IVF की पूरी प्रक्रिया को किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद महिला कुछ दिन rest करने के बाद सामान्य काम कर सकती है।
IVF का खर्च | टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्च
IVF का process थोड़ा सा ख़र्चीला होता है। IVF प्रक्रिया या टेस्ट ट्यूब बेबी के द्वारा बच्चा पैदा करने का खर्च 100,000 रूपए से लेकर 250,000 रूपए तक होता है। यह महिला पुरुष की मेडिकल problem पर भी depend करता है। यदि बच्चे को पैदा करने के लिए सरोगसी मदर की जरुरत पड़ती है तो यह ख़र्च और भी ज़्यादा हो सकता है।
Frequently Asked Questions (FAQ)
आईवीएफ प्रक्रिया क्या है?
आईवीएफ प्रक्रिया में महिला के overy के egg और पुरुष के शुक्राणु को लैब में निषेचित करवाकर भ्रूण को महिला के गर्भ में रखा जाता है।
आईवीएफ में कितना खर्चा आता है?
आईवीएफ में महिला पुरुष की मेडिकल condition के हिसाब से 1 लाख रूपए से 2.5 लाख रूपए तक का खर्चा आता है।
आईवीएफ कितने प्रकार का होता है?
आईवीएफ की प्रक्रिया तीन प्रकार का होता है।
Final Words:
हम उम्मीद करते है की आपको हमारे द्वारा ऊपर बताया गया आर्टिकल IVF Kya Hai और IVF Process in Hindi जरूर पसंद आया होगा। आप इस पोस्ट को उन लोगों के साथ share कर सकते है। जो निःसंतान हो और आईवीएफ प्रक्रिया के बारे में नहीं जानते। आप आईवीएफ के बारे में कुछ भी सवाल हमसे कमेंट करके पूछ सकते है।
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